भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जंग में एक अहम कदम उठाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया है। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना है। इस सैन्य कार्रवाई के परिणामस्वरूप, कई राज्य और जिले स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने के आदेश जारी कर चुके हैं। ये कदम विद्यार्थियों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं।
जिन राज्यों और जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद किए गए हैं
1. पंजाब:
पंजाब के गुरदासपुर और पठानकोट जिलों में सभी स्कूल और कॉलेज तीन दिन तक बंद रहने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके अलावा, फिरोजपुर, फाजिल्का, अमृतसर और तारंतरण जिलों में भी स्कूलों को 11 मई तक बंद करने के आदेश दिए गए हैं। इन जिलों में पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और सीमा पर सुरक्षा खतरे को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से यह जानकारी दी गई है।
2. जम्मू और कश्मीर:
जम्मू और कश्मीर के जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पूंछ जिलों में भी सभी स्कूल और कॉलेज बंद किए गए हैं। यह कदम सीमा पर पाकिस्तान से होने वाली गोलीबारी और अन्य सुरक्षा खतरों के मद्देनजर उठाया गया है। प्रशासन ने इन जिलों में सुरक्षा अलर्ट जारी किया है और लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है।
3. राजस्थान:
राजस्थान के पश्चिमी सीमा क्षेत्रों, जैसे गंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में भी सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। यह क्षेत्र भारत-पाक सीमा के नजदीक स्थित हैं, जहां सुरक्षा स्थिति को देखते हुए विशेष एहतियात बरती जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि इन जिलों में सुरक्षा स्थिति बहुत संवेदनशील है, इसलिए यह कदम उठाया गया है।
4. चंडीगढ़ और अन्य सीमावर्ती क्षेत्र:
चंडीगढ़ और अन्य सीमावर्ती जिलों में भी स्कूलों और कॉलेजों की छुट्टियाँ घोषित की गई हैं। अधिकारियों के अनुसार, इन क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए सभी शैक्षिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं, और जनता से अपील की गई है कि वे किसी भी असामान्य गतिविधि के बारे में स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।
प्रभावित जिलों की पूर्ण सूची और बंदी विवरण
राज्य | जिले | बंदी अवधि |
---|---|---|
पंजाब | गुरदासपुर, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का, अमृतसर, तारांतरण | 3 दिन (11 मई तक) |
जम्मू और कश्मीर | जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी, पूंछ | जब तक स्थिति सामान्य न हो जाए |
राजस्थान | गंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर | जब तक स्थिति सामान्य न हो जाए |
चंडीगढ़ | चंडीगढ़ और अन्य सीमावर्ती क्षेत्र | जब तक स्थिति सामान्य न हो जाए |
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
ऑपरेशन सिंदूर का आरंभ भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी शिविरों पर हमले के बाद हुआ। यह कार्रवाई एक आतंकी हमले का प्रतिकार थी, जिसमें 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में 26 हिंदू तीर्थयात्रियों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में आतंकवादी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की, जिसमें कई आतंकवादी मारे गए।
इन हमलों को भारत सरकार ने पाकिस्तान से हुए हमले का सख्त जवाब माना है। भारतीय वायुसेना ने इन ठिकानों पर मिसाइल से हमले किए और आतंकवादी संगठनों के नेटवर्क को तोड़ा। हालांकि, इस कार्रवाई के बाद सीमा पर तनाव और सुरक्षा खतरे बढ़ गए हैं, जिससे स्कूल और कॉलेजों की छुट्टियाँ घोषित की गई हैं।
सुरक्षा उपाय
- सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट: भारतीय सेना और सुरक्षा बलों को सीमा पर तैनात किया गया है। सुरक्षा चेकपॉइंट्स और निगरानी बढ़ा दी गई है।
- सिविलियन सलाह: प्रभावित क्षेत्रों में निवासियों से अनुरोध किया गया है कि वे घरों में रहें और सार्वजनिक स्थानों पर इकट्ठा होने से बचें। सुरक्षा अधिकारियों द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।
- परिवहन और संचार: कुछ जिलों में परिवहन सेवाओं को सीमित किया जा सकता है, और इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है, ताकि अफवाहों का प्रसार न हो।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर की वजह से भारत के विभिन्न हिस्सों में स्कूल और कॉलेजों की छुट्टियाँ घोषित की गई हैं। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। सरकार का कहना है कि जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोला जाएगा। नागरिकों से अपील की गई है कि वे संयम बनाए रखें और सरकारी निर्देशों का पालन करें।