Q: डिजिटल एड्रेसेबल केबल टीवी प्रणाली (डैस) क्या है ?
A: डैस एक केबल टीवी सेवा है, जिसमें टीवी चैनलों को डिजिटल एवं कोडबद्ध रूप में, केबल टीवी नेटवर्क के माध्यम से भेजा जाता है। केवल अधिकृत उपयोगकर्ता सेट-टाॅप-बाॅक्स (एसटीबी) तथा टीवी सेट का उपयोग करके चैनलों को प्राप्त कर सकते हैं। इसे सेवा प्रदाता द्वारा अधिकृत किया जाता है। यह प्रणाली, बड़ी संख्या में टीवी, रेडियो तथा अन्य मूल्यवर्द्धित सेवाओं को ले जाने में सक्षम है। इस प्रणाली में, उपभोक्ता अपनी पसंद के चैनलों/सेवाओं का चुनाव कर सकता है और केवल उन्ही के लिए भुगतान करता है ।
Q: डैस में सेवा प्रदाता कौन हं ?
A: मल्टी सिस्टम आॅपरेटर (एमएसओ) तथा इससे संबद्ध स्थानीय केबल आॅपरेटर (एलसीओ) डैस में सेवा प्रदाता हैं (इसके पश्चात्, इन्हंे यहां केबल आॅपरेटर कह कर सम्बोधित किया जाएगा)।
Q: डैस मौजूदा केबल टीवी प्रणाली से किस प्रकार अलग है ?
A: मौजूदा केबल प्रणाली मुख्यतः एनालॉग स्वरूप की है। एनालॉग केबल टीवी प्रणाली में टीवी चैनलों को एनालॉग तथा अकोडबद्ध स्वरूप में भेजा जाता है। एनालॉग केबल टीवी प्रणाली, 80 से 100 चैनलों तक ले जाने में सक्षम है। इस प्रणाली में उपभोक्ताओं के पास अपनी पसंद के चैनलों/सेवाओं का चयन करने तथा तद्नुसार भुगतान करने का विकल्प नहीं है, बजाए, उसे केबल ऑपरेटर द्वारा पेश किए जाने वाले संपूर्ण चैनलों के बुके के लिए भुगतान करना होता है । वहीं दूसरी ओर, डैस की क्षमता मौजूदा एनालॉग केबल टीवी प्रणाली से बहुत अधिक है। डैस के अंतर्गत, एक उपभोक्ता अपनी पसंद के चैनलों/सेवाओं का चयन करने तथा तद्नुसार उनका भुगतान करने में सक्षम होगा। डैस में चैनलों को प्राप्त करने के लिए टीवी के अलावा एक सेट-टॉप-बॉक्स (एसटीबी) भी आवश्यक है।
Q: डैस, कैस अधिसूचित क्षेत्र में चल रही केबल टीवी प्रणाली से, किस प्रकार से अलग है?
A: डैस पूर्ण रूप से डिजिटल एड्रेसेबल केबल टीवी प्रणाली है, जबकि कैस नहीं है। कैस अधिसूचित क्षेत्र में फ्री-टु-एयर (एफटीए) चैनलों को एनालॉग स्वरूप में ले जाया जाता है, जबकि पे चैनलों को कोडबद्ध तथा डिजिटल अपरिवर्तनीय (माड्यूलेटिड) रूप में ले जाया जाता है, जिनको प्राप्त करने के लिए एसटीबी की आवश्यकता होती है। जबकि, डैस में, सभी चैनलों (पे एवं एफ.टी.ए) को कोडबद्ध तथा डिजिटल अपरिवर्तनीय (माड्यूलेटिड) रूप में ले जाया जाता है तथा एफटीए एवं पे, दोनों प्रकार के चैनलों के लिए एक एसटीबी लगाना आवश्यक है।
Q: डैस, डायरेक्ट-टु-होम (डीटीएच) से किस प्रकार अलग है?
A: यद्यपि दोनों ही डिजिटल एड्रेसेबल प्रणालियां है, डीटीएच सेवा में, टीवी चैनलों को सीधे उपग्रह से, भवन के उपर एक छोटा डिश एन्टीना लगा कर, उपभोक्ता द्वारा प्राप्त किया जाता है। परन्तु, डैस में टीवी सिग्नल उपभोक्ता के घर में केबल नेटवर्क के माध्यम से पहुचंता है। डैस मूल्यवर्द्धित, ट्रिपल प्ले (वीडिया+आडियो+डाटा), ब्रॉडबैंड इत्यादि सेवाएं उसी केबल टीवी नेटवर्क के माध्यम से ले जाने में सक्षम है।
Q: क्या उपभोक्ता को डैस की सेवा लेना अनिवार्य है? अथवा वह, मौजूदा एनालॉग केबल टीवी सेवा को जारी रख सकता हैं?
A: सरकार ने यह अधिसूचित किया है कि संपूर्ण देश में, प्रत्येक केबल ऑपरेटर को किसी भी चैनल के कार्यक्रमों का प्रसारण अथवा पुनःप्रसारण, कोडबद्ध रूप में, डिजिटल एड्रेसेबल प्रणाली के माध्यम से करना अनिवार्य है। इसे चार चरणों में नीचे दी गई समय-सारणी के अनुसार लागू किया जाएगाः - चरण-1 31 अक्तूबर,2012 राष्ट्रीय राजघानी क्षेत्र दिल्ली, ग्रेटर मुम्बई नगरपालिका परिषद् क्षेत्र, कोलकाता महानगर क्षेत्र तथा चेन्नई महानगर क्षेत्र चरण-2 31 मार्च, 2013 एक मिलियन से अधिक की आबादी वाले 38 शहर । चरण-3 30 सितम्बर,2014 उपरोक्त के चरण-1 तथा चरण-2 के लिए विशिष्ट समवर्ती शहरों/कस्बों/क्षेत्रों के अलावा सभी शहरी क्षेत्र (नगर निगम/नगरपालिका) । चरण-4 31 दिसम्बर,2014 शेष भारत । पूर्ण रूप से यह प्रणाली लागू होने पर, केबल टीवी सेवा, केबल डिजिटल एड्रेसेबल प्रणालियों के माध्यम से ही उपलब्ध होगी ।
Q: उपभोक्ताओं को डैस से क्या लाभ हैं?
A: डैस, उपभोक्ताओं को निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है- • उपभोक्ता को सभी चैनलों के लिए बेहतर सिग्नल गुणवत्ता की प्राप्ति होगी। • उपभोक्ता के पास अधिक चैनलों का विकल्प उपलब्ध होगा। डैस, एचडी तथा 3डी चैनलों को भी प्रसारित कर सकता है। • उपभोक्ता अ-ला-कार्टे आधार पर अलग-अलग चैनलों का चयन कर सकता है तथा चयन किए गए चैनल के लिए ही भुगतान कर सकता है। • डैस मूल्यवर्द्धित सेवाएं जैसे ब्रॉडबैंड के साथ ट्रिपल प्ले, मूवी-ऑन डिमांड आदि भी प्रसारित कर सकता है। • डैस में इलेक्ट्रानिक प्रोगामिंग मार्गदर्शिका (ईपीजी) उपलब्ध कराई जा सकती है, जो उपभोक्ता को किसी विशिष्ट चैनल अथवा सेवा का चयन करना सुलभ बनाता है। • अन्य विशेषताओं के साथ-साथ, यह उपभोक्ताओं को टीवी देखने का एक बेहतर अनुभव प्रदान करता है ।
Q: डैस की सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए, क्या किया जाना चाहिए? उपभोक्ता के लिए क्या परिवर्तन करने होगें?
A: डैस में सेवाएं प्राप्त करने के लिए, टीवी सेट के अलावा एक अतिरिक्त उपस्कर, जिसे एसटीबी कहा जाता है, लगाना आवश्यक है। यह एसटीबी, उपभोक्ता तक, डैस में कोडबद्ध डिजिटल टीवी सिग्नल की पहुंच को सुगम बनाता है।
Q: डैस में कौन से चैनल्स होना अनिवार्य हैं?
A: केबल ऑपरेटरों के लिए अपने नेटवर्क पर प्रत्येक उपभोक्ता को समय-समय पर यथा-संशोधित केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियम) अधिनियम, 1995 (1995 का 7) की धारा 8 के तहत अनिवार्य रूप से दूरदर्शन के चैनलों का प्रसारण अथवा पुनःप्रसारण करना अनिवार्य होगा। वर्तमान में चैनल नामतः डीडी-1, डीडी न्यूज, डीडी क्षेत्रीय (संबंधित क्षेत्र), डीडी राज्यसभा, डीडी-स्पोर्ट्स, डीडी-उर्दू, ज्ञानदर्शन तथा लोक सभा को अपने नेटवर्क पर अनिवार्य रूप से प्रसारित किया जाना
अपेक्षित है ।
Q: क्या मैं, डीटीएच और डैस, दोनों ही सेवाओं को एक साथ प्राप्त कर सकता हूं ?
A: डीटीएच और डैस स्वतंत्र आधार की दो विभिन्न प्रणालियां हैं। उपभोक्ता के पास दोनों की सेवाएं प्राप्त करने का विकल्प है।
Q: सेट-टॉप-बॉक्स (एसटीबी) क्या होता है?
A: ``सेट-टॉप-बॉक्स`` (एसटीबी), एक उपस्कर है, जिसे उपभोक्ता के परिसर में टीवी सेट के साथ जोड़ा जाता है और जो उपभोक्ता को उसकी पसंद के कोडबद्ध चैनलों को दिखाता है। एसटीबी का मूलभूत कार्य चैनलों को अकोडवद्ध करना तथा टीवी सेट पर दिखाने के लिए डिजिटल सिग्नलों को एनालॉग सिग्नलों में परिवर्तित करना है। स्मार्ट कार्ड या व्यूईंग कार्ड एसटीबी का एक अंग होता है, जो केवल उन चैनलों को दिखाता है, जिसके लिए उपभोक्ता ने शुल्क का भुगतान किया है तथा जिन्हें सेवा प्रदाता द्वारा अधिकृत किया गया है।
Q: क्या उपभोक्ता के लिए एसटीबी लगवाना अनिवार्य है? क्या, मैं, डैस में केबल सेवाएं, बिना एसटीबी के प्राप्त कर सकता हूं ?
A: डैस में प्रसारित किए जाने वाले टेलीविजन चैनलों को बिना एसटीबी के प्राप्त नहीं किया जा सकता। यह एसटीबी, एक अलग इकाई हो सकता है अथवा एसटीबी टीवी में निहित भी हो सकती है।
Q: मैं एसटीबी किस प्रकार प्राप्त कर सकता हूं ?
A: सामान्यतः एसटीबी केबल ऑपरेटर द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।
Q :-एसटीबी प्राप्त करने के लिए बाजार में कौन-कौन से विकल्प हैं ?
A: केबल ऑपरेटरों को अनिवार्य रूप से सीधी खरीद अथवा किराया-खरीद अथवा किराए पर उपभोक्ता को एसटीबी उपलब्ध कराने का विकल्प देना होगा। उपभोक्ता को अपनी आवश्यकता के अनुसार, कोई भी विकल्प चुनने की स्वतंत्रता है।
Q : एसटीबी वापस करने की निबंधन एवं शर्तें क्या हैं?
A: केबल ऑपरेटरों को सीधी खरीद, किराया अथवा किराया-खरीद योजनाओं के तहत खरीदे गए एसटीबी को वापस किए जाने की निबंधन एवं शर्तें, सेवा आरंभ करते समय निर्दिष्टि करना आवश्यक है। एसटीबी की वापसी के संबंध में निम्नलिखित नियम हैं :- केबल ऑपरेटर को देयताओं का समायोजन करने के उपरांत, धरोहर राशि (यदि कोई हो) को वापस करनी चाहिए। यदि उपभोक्ता केबल ऑरपेटर के सेवा क्षेत्र के अंदर ही अपना आवास बदलता है तो उसे नये आवास पर, उन्हीं निबंधन व शर्तों पर केबल आपरेटर द्वारा उसे नया एसटीबी प्राप्त करने के लिए, एक अंतरण वाउचर दिया जाएगा। यदि उपभोक्ता, केबल ऑपरेटर द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं से संतुष्ट न हो तो उपभोक्ता इसे बंद कराने के लिए स्वतंत्र होगा तथा केबल ऑपरेटर, उपभोक्ता को एसटीबी की खरीद के समय विनिर्दिष्ट शर्तों के अनुसार कटौती करने के उपरांत, उपभोक्ता द्वारा एसटीबी को सरेंडर करने देगा। तथापि, ऐसी कटौती, प्रत्येक आधे वर्ष या इस अंश के लिए 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी । उदाहरण :- यदि एक एसटीबी का खरीद के समय मूल्य 2000/-रु0 था और उपभोक्ता एसटीबी को एक वर्ष के उपरांत परन्तु 1.5 वर्ष से पहले वापस करता है, तो कटौती की गई राशि 1500/-रु0 से अधिक नहीं होगी ।